अभी कुछ खोया सा हूँ तुझमे ,
ठहर जाने दे
कुछ सोया सा हूँ तुझमे ,
सो जाने दे .
सुरों से पिरो दे इस पल को ,
कोई राग दे दे इस वक़्त को
ऐ रागीनी
सो जाऊं इन सुरों के सहारे
डूब जाऊं तुझमे, इनके सहारे
करवट बदलूं ना
कुछ और सोचूं ना
इस डर से की ,
कहीं खो ना जाए तू इस पल से ...
1 comment:
fright portrayed beautifully..
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