हम मोहब्बत नही ....
हिफाज़त करते हैं ....
दिल को रख कर बगल ...
उनकी सलामती की दुआ करते हैं ....
फ़िर भी हर उस पल उसने किया
बेदखल .......
जिस पल लिख रहा था ग़ज़ल ....
उन्हें क्या खबर...
हर ग़ज़ल में झलकती
शोखियत है...
ये शिकायत नही .....
मोहब्बत है..
हिफाज़त करते हैं ....
दिल को रख कर बगल ...
उनकी सलामती की दुआ करते हैं ....
फ़िर भी हर उस पल उसने किया
बेदखल .......
जिस पल लिख रहा था ग़ज़ल ....
उन्हें क्या खबर...
हर ग़ज़ल में झलकती
शोखियत है...
ये शिकायत नही .....
मोहब्बत है..