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Wednesday, 4 January 2012

रौशन

कभी खाली खाली सा लगे ज़िन्दगी,
फिर भी जीता  जा रहा ,
दर्द को पीता जा रहा.
कभी तो थी उम्मीदों भरी ज़िन्दगी,
इस मायूसी से दूर ..
इस खामोशी से दूर
कभी सोच ले मुझे ,
कभी पुकार ले मुझे,
ऐसी चाहत है मेरे मायूस ज़िन्दगी की ,
खो गया हूँ ,ठहर गया हूँ ....
तेरी पुकार की इंतजार है मुझे
बंद मत कर दरवाजे ,
कुछ रौशनी तो इधर आ जाने दे
रौशन है तेरी दुनिया
मेरी दुनिया भी तो रौशन हो जाने दे.

1 comment:

Anonymous said...

impressive